आज के टाइम पर कंप्यूटर के क्षेत्र में काफी तरक्की हुई है। आज Mobile और Computer का उपयोग बहुत अधिक मात्रा में होता है। जिसके चलते भारत की बड़ी आबादी Touchscreen Mobile का इस्तेमाल करती है।
इसी के चलते हमें Chatgpt, Google Bard और Bing Ai नाम सुंनने को मिला जो काफी Advance Machine Learning और Artifical Intelligence का इस्तेमाल करके हमारी काफी मदद कर देते हैं।
लेकिन इसी के साथ Hackers भी अब पहले से काफी एडवांस हो चुके और उनके हैकिंग करने के तरीके भी पहले से काफी बदल गए हैं और एडवांस हो गए।
Mobile Companies आये दिन नए नए Secuirity के Updates निकालती रहती हैं। लेकिन इसके बावजूद हमारे मन में एक सवाल आता है। क्या एंड्राइड फोन में वायरस आ सकते हैं?
तो दोस्तों इस आर्टिकल में सबसे पहले आपको इस प्रशन का उत्तर मिलेगा और आगे हम इस विषय पर विस्तार से बात करेंगे।
Android Phone Me Virus

जब भी हम कोई नया मोबाइल खरीदते हैं तो एक सवाल हमारे मन में कभी न कभी तो जरूर आता है कि
प्रश्न – क्या एंड्राइड फोन में वायरस आ सकते हैं?
उत्तर – जी हाँ एंड्रॉइड फोन में वायरस आ सकते हैं। क्योंकि मोबाइल कंप्यूटर जैसा ही सॉफ़्टवेयर चलाते हैं। वायरस एक प्रकार का मैलवेयर है जो बुरे हैकर्स द्वारा हमारे Android Phone या Computer को नुकसान पहुंचाने के लिए डिज़ाइन किया जाता है।
एंड्रॉइड फोन में वायरस आने के कई तरीके हैं इनमे से कुछ तरीके हम आगे जानेंगे।
Android Phone Me Virus कैसे आता है?
एंड्राइड फ़ोन में वायरस कई तरीकों से आ सकता हैं लेकिन इनमें से कुछ ऐसे तरीके हैं जिनसे सबसे ज़्यादा वायरस हमारे एंड्राइड फ़ोन में आता है। ये इस प्रकार हैं।
Malicious Links के द्वारा
ये लिंक्स दिखते तो आम लिंक्स के द्वारा हैं लेकिन ये आम लिंक्स नहीं होते हैं। इन लिंक्स के माध्यम से बुरे हैकर्स आपके मोबाइल में ऐसे वायरस डाल देते हैं।
जो आपका कई तरह का डाटा जैसे मोबाइल नंबर, पासवर्ड, फोटोज़, विडोज़ आदि चुरा सकते हैं। इसके ज़रिये हैकर्स आपका बैंक अकाउंट भी खाली कर सकते हैं।
File Sharing करते समय
दोस्तों अक्सर ही हम अपने दोस्तों से कोई न कोई फाइल शेयर करते ही रहते हैं। कभी Nearby Share द्वारा, कभी Third Party File Sharing App द्वारा और कभी कभी Pendrive या Memory Card द्वारा।
लेकिन दोस्तों File Sharing के माध्यम से भी आपके मोबाइल में वायरस आ सकता है। क्योंकि हमें नहीं पता होता कि जो फाइल हम अपने मोबाइल में ट्रांसफर कर रहे हैं वो डाउनलोड कहाँ से की गयी है।
कभी कभी हम ऐसे वेबसाइट या ऐसे सोर्स से फाइल कर लेते हैं। जिसमें खतरनाक Virus होता है। ऐसे में जब हम एक दूसरे से उस फाइल को शेयर करते हैं। तो इस प्रकार फाइल शेयरिंग करते समय हमरे Android Phone में वायरस आ जाते हैं।
एंड्रॉइड फोन में वायरस का पता कैसे लगाएं?
ऐसे कई तरीके या लक्षण जिनके ज़रिये आप ये पता कर सकते हैं। कि आपके Mobile में वायरस है या नहीं अगर आपको ऐसा लगता है कि आपके Android Phone में वायरस या मैलवेयर है तो उसे कैसे निकालना है इसके बारे में हम आगे बाते करेंगे।
तो चलिए कुछ ऐसे लक्षणों या संकेतों के बारे में बात करते हैं जहाँ से आपको ये पता चलेगा कि आपके एंड्राइड फ़ोन में वायरस है या नहीं।
- बैटरी का अचानक से खत्म हो जाना
फोन की बैटरी का आपके ज़्यादा इस्तेमाल न करने पर भी अचानक से खत्म हो जाना वायरस के मौजूद होने का संकेत हो सकता है। ऐसा तब होता जब आपके फोन में मौजूद वायरस फोन के प्रोसेसेस और एप्लिकेशन्स बहुत ज़्यादा उपयोग करने लगता है, जिससे बैटरी की खपत तेजी से बढ़ती है।
Virus या Malware आपके मोबाइल फोन में बिना पता चले बैकग्राउंड में अपना काम करता रहता है। और आपका जरुरी डाटा चोरी करता रहता है।
- अपने आप Apps का इनस्टॉल हो जाना
अगर आपके फोन पर ऐसे अनचाहे ऐप्स आ रहे हैं यानि कि अपने आप ऐसे फालतू आप इनस्टॉल हो रहे हैं जिन्हें आपने इंस्टाल नहीं किया, तो इसका मतलब है कि आपके फोन की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
इस तरह की ऐप्लिकेशन आमतौर पर गूगल प्ले स्टोर या आधिकारिक स्रोतों से नहीं आते हैं, बल्कि ऐसी जगह से इंस्टाल होते हैं जिनका उद्देश्य ही होता है आपका डाटा चोरी करना।
इससे बचने के लिए आपको अपने मोबाइल के प्लेस्टोर पर जाना है। फिर ऊपर साइड में दिए आपके प्रोफाइल बटन पर क्लिक करना है। इसके बाद आपको Play Protect पर क्लिक करना है।
इसमें आपके Scan का बटन दिखेगा। आपको बस Scan के बटन पर क्लिक कर देना है।
ये आपके मोबाइल को स्कैन करेगा और अगर कोई ऐसा ऐप है जो आपके मोबाइल के लिए सही नहीं है उसे बता देगा।
- फोन का गरम होना
फोन का गरम होना एक संकेत हो सकता है कि आपके फोन में वायरस आ चूका है। वायरस आपके फोन के प्रोसेसिंग पॉवर का बड़ी मात्रा में उपयोग कर सकता है, जिससे फोन गरम हो जाता है।
यह गर्मी आपके फोन के बैटरी को तेजी से खत्म कर सकती है और एप्लिकेशन्स क्रैश करने का कारण बन सकती है। गर्मी के कारण, फोन की परफॉरमेंस भी कम हो सकती है।
और आपका फोन खराब भी हो सकता है। अगर आपके फोन में वायरस है तो इससे आपके मोबाइल में तजि से बैटरी की खपत, ऐप्स का अचानक क्रैश होना आदि होने लगते हैं।
- नेट्वर्क की गति में गिरावट
यह भी एक संकेत हो सकता है कि आपके फोन में वायरस है। जब आप फोन का इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं, और वायरस फोन पर पहुंच जाता है, तो वह आपके इंटरनेट कनेक्शन को कई तरीकों से प्रभावित कर सकता है।
सबसे प्रमुख संकेत है कि आपका इंटरनेट कनेक्शन असामान्य रूप से स्लो हो जाता है। इसके अलावा, वायरस फोन के नेट्वर्क ट्रैफिक को अधिक उपयोग कर सकता है, जिससे आपका डेटा बहुत जल्दी ख़तम हो सकता है।
इसलिए, अगर आपका इंटरनेट कनेक्शन असामान्य रूप से धीमा हो गया है, तो यह एक संकेत हो सकता है कि आपके फोन में वायरस है।
- बिना मतलब के प्रचार का आना
बिना मतलब के प्रचार यानि के Ads का आना भी संकेत है की आपके फोन में वायरस आ गया है। जिसमें फ़ोन के स्क्रीन पर बिना आपकी इज़ाज़त के Ads शो होने लगते हैं।
यह Ads आपके अलग अलग ऐप्लिकेशनों में आ सकते हैं, जैसे कि गेम्स, वेब ब्राउज़िंग, या मैसेजिंग एप्लिकेशन्स। यह Ads आपके समय और डेटा को बर्बाद कर सकती हैं, और आपकी Privacy को खतरे में डाल सकती हैं।
- डेटा की अधिक उपयोग रिपोर्ट
जब आपके फोन में वायरस होता है, तो यह आपके डेटा का अधिक उपयोग कर सकता है। आपके फोन का इंटरनेट डेटा अचानक से अधिक खपत करने लगता है, जिससे आपके डेटा पैकेज की सीमा पार हो सकती है।
यदि आपके फोन में बिना मतलब के प्रोग्राम्स चल रहे हैं, तो यह आपके डेटा का उपयोग कर सकते हैं और आपके डेटा की जरूरत से ज्यादा बेहतरीन तरीके से नियंत्रित कर सकते हैं।
ऐसे में यह भी एक संकेत है कि शायद आपके फोन में वायरस आ गया है।
- ऐप्लिकेशन का क्रैश होना
यह भी एक संकेत है जब आपके फोन पर आमतौर पर ऐप्लिकेशन अचानक बंद हो जाते हैं। इसका मतलब है कि जब आप किसी ऐप्लिकेशन का उपयोग कर रहे हैं, तो वह बिना किसी कारण से बंद हो जाता है।
बिना वजह ऐप्लिकेशन क्रैश होने का कारण वायरस भी हो सकता है, क्योंकि वायरस आपके फ़ोन के सॉफ़्टवेयर को कण्ट्रोल कर सकते हैं और यह गलत चीज़ें कर सकते हैं।
- नेट्वर्क संदेशों में असामाजिक गतिविधियाँ
इसका मतलब है कि आपके फोन के नेट्वर्क संदेशों में अनचाहे और असामाजिक गतिविधियाँ हो रही हैं। यह गतिविधियाँ आमतौर पर सामाजिक मीडिया या मैसेजिंग ऐप्स के माध्यम से होती हैं।
यह भी आपके फोन में वायरस की मौजूदगी का संकेत हो सकता है। इसके अलावा आपकी परमिशन के बिना या अपने आप ऐसे कुछ गतिविधियाँ हो सकती हैं।
जैसे कि बिना आपके आपने आप पोस्ट या मैसेजेस को भेजना। अगर ऐसा है तो यह भी एक वायरस या मैलवेयर का संकेत है।
एंड्राइड फ़ोन से वायरस कैसे निकालें?
एंड्राइड फोन से वायरस को निकालने के कुछ आसान तरीके हैं, जो आपके फोन की सिक्योरिटी को बढ़ा सकते हैं। आईये समझते वो कोनसे तरीके हैं।
एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर का उपयोग करें:
आप अपने एंड्राइड फोन के लिए एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर डाउनलोड करके अपने फोन को सुरक्षित रख सकते हैं। यह सॉफ़्टवेयर आपके फोन को नुकसान पहुंचाने वाले वायरसों को पहचानने और हटाने में मदद करता है।
अपडेट्स पर नजर रखें
आपके एंड्राइड फोन के सॉफ़्टवेयर और एप्लिकेशन को नियमित रूप से अपडेट करें। यह सुनिश्चित करेगा कि अपने फोन में वायरस को निकलने के लिए सिक्योरिटी के नए इंतज़ाम रहें।
अज्ञात स्रोतों से ऐप्लिकेशन डाउनलोड न करें
आपके फोन में केवल प्ले स्टोर से ही ऐप्लिकेशन डाउनलोड करें। अज्ञात स्रोतों से ऐप्लिकेशन डाउनलोड करने से बचें, क्योंकि यह आपके फोन को वायरसों के खतरे से बचाएगा।
कोई भी ऐप डाउनलोड करना हो हमेशा प्लेस्टोर का इस्तेमाल करें।
सुरक्षित ऐप्स का उपयोग करें:
आपके फोन में वायरस को निकालने का सबसे सरल तरीका है सुरक्षित ऐप्स का उपयोग करना। एंड्राइड डिवाइस के लिए प्ले स्टोर से ऐप्स डाउनलोड करें, क्योंकि यहां केवल Verified और सुरक्षित ऐप्स ही उपलब्ध होते हैं।
Play Protect को On रखें।
आप अपने फोन के Playstore की सेटिंग में जाकर Play Protect को On रखें। क्योंकि यह ऐप्स को स्कैन करके बता देता है कि कोनसा ऐप आपके फ़ोन को नुक्सान पहुंचा सकता है।
नया Software इनस्टॉल करें
यह सब करने पर भी Virus की समस्या सही नहीं हो रही है। तो किसी मोबाइल रिपेयर की दूकान पर जाकर नया सॉफ्टवेयर इनस्टॉल करवाएं। ऐसा करने से वायरस वाला सॉफ्टवेयर फॉर्मेट हो जायेगा और नया सॉफ्टवेयर इनस्टॉल हो जाएगा।
आई लव यू वायरस क्या है और इसे किसने बनाया?
आई लव यू वायरस एक प्रकार का मैलवेयर है जिसे सन 2000 में पहली बार देखा गया था। यह एक ईमेल वायरस है जो एक प्रेम पत्र के रूप में प्रसारित होता है।
आई लव यू वायरस एक प्यार भरा वायरस नहीं है। यह एक खतरनाक मैलवेयर है जो आपके कंप्यूटर को संक्रमित कर सकता है।
जब प्राप्तकर्ता ईमेल संदेश खोलता है, तो वायरस उनके कंप्यूटर को इन्फेक्टेड कर देता है और अन्य सभी ईमेल पतों पर खुद को कॉपी कर लेता है।
आई लव यू वायरस को एक अज्ञात हैकर या हैकर समूह ने बनाया था। यह वायरस अब दुनिया भर में लाखों कंप्यूटरों को संक्रमित कर चुका है, जिससे लाखों डॉलर का नुकसान हुआ है।
आई लव यू वायरस एक महत्वपूर्ण घटना थी क्योंकि यह एक बड़े पैमाने पर फैलने वाला पहला ईमेल वायरस था। इसने लोगों को ईमेल के माध्यम से भेजे गए संदेशों में शामिल किसी भी लिंक या फ़ाइल को खोलने से सावधान रहने के लिए प्रोत्साहित किया है।
इससे बचने के लिए सावधान रहें कि आप ईमेल संदेशों में शामिल किसी भी लिंक या फ़ाइल को न खोलें।
विश्व का पहला कंप्यूटर वायरस कौन सा है?
दुनिया का पहला कंप्यूटर वायरस “क्रीपर” था। इसे 1971 में Robert Thomas ने बनाया था, जो उस समय BBN में एक इंजीनियर थे। यह एक सादा प्रोग्राम था जो खुद को फाइलों में कॉपी करता था और स्क्रीन पर “I am The Creeper, Catch Me If You Can!” संदेश प्रदर्शित करता था।
क्रीपर को नुकसान पहुंचाने के लिए डिज़ाइन नहीं किया गया था, बल्कि यह एक प्रयोग था। यह दिखाने के लिए कि कैसे एक प्रोग्राम खुद को कॉपी कर सकता है और कैसे यह एक कंप्यूटर नेटवर्क से होकर फैल सकता है।
क्रीपर को एक अन्य इंजीनियर, रे टॉमलिंसन द्वारा लिखे गए एक प्रोग्राम “रेपर” द्वारा समाप्त किया गया था। रेपर क्रीपर को खोजता था और उसे हटा देता था।
वायरस कितने प्रकार के होते हैं?
बुरे हैकर्स द्वारा कुछ ऐसे वायरस बनाये गए हैं जो कई तरह से आपको फ़ोन को इफ़ेक्ट करके आपका डाटा चुरा सकते हैं। और आपको नुक्सान पहुंचा सकते हैं। ये वायरस कई प्रकार है जो अलग अलग तरह से अपना काम करते हैं।
Application Virus
यह एक प्रकार का वायरस होता है जो आपके फोन में Third Party एप्लिकेशन के साथ आता है और फोन को नुकसान पहुँचाता है। यह Application Virus आपके डेटा को चोरी कर सकता है और आपके फोन को स्लो बना सकता है।
Trojan
ट्रोजन एक प्रकार की कॉम्प्यूटर मालवेयर होता है जो आपके फोन में आता है जैसे कि एक उपयोगी ऐप्लिकेशन या गेम के रूप में, लेकिन असल में यह आपके डेटा और खाताबैंक अकाउंट की जानकारी को चोरी करने के लिए डिज़ाइन किया गया होता है।
Rootkit Virus
यह वायरस आपके फ़ोन की रूट अक्सेस को हैक कर सकता है, जिससे वह सिस्टम लेवल पर कुछ बदलाव कर सकता है। इसका परिणाम यह हो सकता है कि वायरस आपके फ़ोन को पूरी तरह से कंट्रोल कर सकता है।
जिससे हैकर आपके फोन का इस्तेमाल करके अपना काम भी करवा सकता है और आपके डेटा को भी चुरा सकता है।
Phishing Application
यह एप्लिकेशन आपके पर्सनल जानकारी को चुराने के लिए बनाए जाते हैं जैसे कि आपके बैंक खाता जानकारी, यूज़रनेम, पासवर्ड, आदि के लिए।
Spy Ware
स्पायवेयर फ़ोन के यूजर की गतिविधियों को ट्रैक करने और उनकी जानकारी को चुराने के लिए डिज़ाइन किया जाता है, जो फिर आपकी व्यक्तिगत जानकारी का इस्तेमाल आपके ही खिलाफ कर सकता है।
Ransomware
Ransomware आपके फोन को लॉक कर देता है और फिर एक Ransome मांगता है ताकि आपको अपने फ़ोन को अनलॉक करवाने के लिए पैसे देने पड़ें।
इसमें हैकर आपके फ़ोन को लॉक कर देता है और अनलॉक करने के लिए आपसे पैसे मांगे जाते हैं।
Social Engineering Fraud
यह एक प्रकार की धोखाधड़ी होती है जिसमें हैकर आपको धोखाधड़ी मैसेज या ईमेल भेजकर पर्सनल जानकारी की मांग करते हैं।
आज कल सबसे ज़्यादा इसी तरह के फ्रॉड हो रहे हैं।
बिना एंटीवायरस के एंड्राइड फोन से वायरस कैसे निकाले?
ऐसे कुछ तरीके हैं जिनके इस्तेमाल से आप बिना एंटीवायरस का उपयोग किये अपने android phone से virus निकाल सकते हैं। यह तरीके इस प्रकार हैं।
फ़ैक्टरी रीसेट करें
फ़ैक्टरी रीसेट करने से आपके फोन पर मौजूद सभी डेटा और ऐप्स हट जाएंगे, जिसमें वायरस भी शामिल है। यह एक आखरी तरीका है, लेकिन यह आपके फोन से वायरस को निकालने का सबसे अच्छा तरीका है।
फ़ैक्टरी रीसेट करने के लिए, आपको अपने फोन की सेटिंग्स में जाना होगा और “Reset” के विकल्प को चुनना होगा। फिर, आपको “फ़ैक्टरी रीसेट” विकल्प को चुनना होगा।
Google Play Protect
यह भी एक अच्छा तरीका है इससे आप यह जान सकते हैं कि कोनसी एप्लीकेशन आपके फोन के लिए नुकसानदायक है। उसके बाद आप उस ऐप अनइंस्टाल करदें।
अगर वह ऐप आपके लिए जरुरी हो तो ऐसे जगह से डाउनलोड करें जिससे आपके फ़ोन को कोई नुक्सान न हो।
Google Play Protect का इस्तेमाल करने के लिए Google Play Store पर जाएँ और ऊपर अपनी प्रोफाइल पर क्लिक करें इसके बाद Play Protect पर click करें। फिर Scan पर क्लिक करें।
नया सॉफ्टवेयर इनस्टॉल करें
वैसे तो आप फोन को Factory Reset करके वायरस से छुटकारा पा सकते हैं लेकिन एक और विकल्प है जिसका उपयोग करके आप बिना एंटीवायरस का उपयोग किये
निष्कर्ष
दोस्तों मुझे उम्मीद है कि आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा होगा। और इस आर्टिकल से आपको Android में वायरस कैसे आता है और उसे कैसे निकाला जाता है इसके बारे में जानने को मिला होगा।
तो दोस्तों अपना कीमती समय हमारी वेबसाइट Sab Hindi Me पर देने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद।