जानें बैंकिंग में फ्रॉड कैसे होता है? 2023 | Frauds in Banking

बैंकिंग एक ऐसी चीज़ है जिसके माध्यम से हम अपने पैसों के  कई तरह की चीज़ें कर सकते। यानि के अगर हमारा खाता किसी बैंक अकाउंट में है। तो हम उस खाते में पड़े पैसों पर बैंक द्वारा ब्याज प्राप्त करते हैं, ATM कार्ड का इस्तेमाल करके अपने पैसों को भारत में रहते हुए कही भी निकलवा सकते हैं।

UPI का इस्तेमाल करके हम अपने मोबाइल से ही लें दें कर सकते हैं। किसी को पैसे भेज सकते है आदि। लेकिन इन सब फायदों के बाद जो एक चीज़ आती जिससे हमें  डर लगता है। वो है बैंकिंग फ्रॉड। डर इसीलिए क्योंकि पैसों को कमाने में कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। सालों की मेहनत से हम एक अच्छी रकम जोड़ते हैं। ताकि हमारा या बच्छों का भविष्या अच्छा हो सके। 

जानें बैंकिंग में फ्रॉड कैसे होता है? 2023 | Frauds in Banking
जानें बैंकिंग में फ्रॉड कैसे होता है? 2023 | Frauds in Banking

लेकिन इन बैंकिंग फ्रॉड (Frauds in Banking) के चलते हमारी कमाई एक झटके में खाली हो जाती है। इसके बावजूद भी हम बैंकिंग फ्रॉड के प्रति जागरूक नहीं हैं। तो इसीलिए मैंने इस ब्लॉगपोस्ट को लिखा है। ताकि आप समझ पाएं और अपने आप इस प्रकार की धोखाधड़ी से खुद को सुरक्षित कर पाएं। 

इस आर्टिकल कुछ ऐसी तकनीकें बतायीं हैं जिनका इस्तेमाल करके स्कैमर स्कैम करते हैं। और हमारे अकाउंट से पैसे चुराते हैं। 

 (Frauds in Banking) बैंकिंग में फ्रॉड

बैंकिंग फ्रॉड एक ऐसा स्कैम हैं जिसमें स्कैमर अलग अलग तरीकों का  इस्तेमाल करके हमारे द्वारा कमाए हुए पैसों को लूट लेते हैं। कई तरह की तकनीकें हैं जिनका इस्तेमाल  हैकर या स्कैमर लोगों को ठगने के लिए करते हैं। 

इस आर्टिकल में मैंने कुछ स्कैम और स्कैम के तकनी, उनके प्रकार बताईं हैं, और उनसे बचने के तरीकों के बारे में भी जानकारी आगे दी है। ताकि आप इन सब स्कैम्स तकनीकों से अवगत हो सकें। हो सकता है कुछ शब्द आपको कई बार नजर आये जैसे फिशिंग तो ये एक तकनीक है। 

जिसका इस्तेमाल करके स्कैमर अलग अलग तरीकों से स्कैम करते हैं। और भोले भाले लोगों को लूटते हैं। आईये इनके बारे में विस्तार से जानते हैं। 

बैंकिंग फ्रॉड के प्रकार

जैसा कि मैंने बताया कई तरह के तरीके इन हैकर्स या स्कैमर द्वारा अपनाये जाते हैं ताकि लोगों को बेवकूफ बनाकर चालाकी से उनकी  डिटेल निकलवाकर उनके साथ स्कैम कर सकें। यहाँ कुछ ऐसे स्कैम हैं जिनके बारे में हम डिटेल में बात करेंगे। जो इस प्रकार हैं। 

  • फिशिंग (Phishing)
  • स्पैम (Spam)
  • सोशल इंजीनियरिंग (Social Engineering)
  • डेबिट कार्ड फ्रॉड (Debit Card Fraud)
  • क्रेडिट कार्ड फ्रॉड (Credit Card Fraud)
  • UPI फ्रॉड (UPI Fraud)
  • AEPS या बैंक खाता फ्रॉड 

फिशिंग (Phishing)

फिशिंग एक प्रकार का साइबर अटैक या एक ऐसी तकनीक है जिसमें स्कैमर किसी व्यक्ति को ईमेल, SMS या Social Media पोस्ट के माध्यम से आमतौर पर किसी विश्वसनीय संगठन या व्यक्ति के रूप में खुद को पेश करते हैं। 

जानें बैंकिंग में फ्रॉड कैसे होता है? 2023 | Frauds in Banking
जानें बैंकिंग में फ्रॉड कैसे होता है? 2023 | Frauds in Banking

जैसे कि एक बैंक, सरकार या ई-कॉमर्स साइट। एक बार जब वे चालाकी से किसी व्यक्ति से उनकी जानकारी प्राप्त कर लेते हैं, तो वे इसका उपयोग पैसे निकालने या अन्य स्कैम गतिविधियों को अंजाम देने के लिए कर सकते हैं।

फिशिंग के प्रकार

फिशिंग तकनीक का इस्तेमाल करके धोखाधड़ी करने वाले लोग फिशिंग के कुछ अलग अलग तरीकों का इस्तेमाल करते हैं। इनमें इसे कुछ इस प्राकर हैं। 

1. ईमेल फिशिंग (Email Phishing)

यह सबसे आम प्रकार का फिशिंग अटैक है। इसमें स्कैमर एक ईमेल भेजते हैं जो किसी विश्वसनीय संगठन या व्यक्ति द्वारा भेजा हुआ लगता है। इस तरह की ईमेल में यह दावा होता है कि व्यक्ति को अपने खाते की सुरक्षा या किसी अन्य समस्या को ठीक करने के लिए जल्द ही कुछ करने की जरुरत है। 

ईमेल में एक लिंक या फॉर्म होता है जिस पर व्यक्ति को अपनी जानकारी दर्ज करने के लिए कहा जाता है। और जैसे ही कोई व्यक्ति इनके जाल में फंस कर अपनी बैंकिंग डिटेल भर देता है। उसके बाद स्कैमर उस व्यक्ति का अकाउंट खाली कर देता है। 

Also Read - बैंकिंग सेवाओं का उपयोग करना सीखें: Full A to Z Banking Guide

2. SMS फिशिंग

यह ईमेल फिशिंग के तरह ही होता है, लेकिन इसमें स्कैमर अपने टारगेट को एक SMS भेजते हैं। SMS में अक्सर यह दावा होता है कि व्यक्ति को अपने खाते की सुरक्षा, KYC, Adhaar Card, Pan Card आदि को लिंक करने या ठीक करने के लिए जल्द ही कुछ करने की जरुरत है। 

SMS में एक लिंक या फॉर्म होता है जिस पर व्यक्ति को अपनी जानकारी दर्ज करने के लिए कहा जाता है। जैसे व्यक्ति उस लिंक पर क्लिक करके अपनी डिटेल भर देता है। तो उसके साथ स्कैम हो जाता है। 

3. Social Media फिशिंग

यह फिशिंग का एक प्रकार है जिसमें स्कैमर Social Media का उपयोग लोगों को स्कैम के लिए करते हैं। स्कैमर किसी व्यक्ति को एक फर्जी आकर्षक प्रोफाइल या पोस्ट के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं। 

प्रोफाइल या पोस्ट किसी व्यक्ति को लालच देकर या चालाकी से उसकी अकाउंट डिटेल निकलवा लेते हैं। या अन्य तरीकों के स्कैम करके पैसे की मांग करते हैं। 

4. वॉइस फिशिंग

यह फिशिंग का एक प्रकार है जिसमें स्कैमर किसी व्यक्ति को फोन कॉल के माध्यम से स्कैम करते हैं। स्कैमर अक्सर किसी बैंक या अन्य वित्तीय संस्थान के कर्मचारी के रूप में खुद को पेश करते हैं। वे व्यक्ति को यह बता सकते हैं कि उनके खाते में कोई KYC अपडेट नहीं हैं। 

आधार कार्ड लिंक नहीं है या पैन कार्ड लिंक नहीं। जिस वजह से उनका अकाउंट बंद किया जा सकता है। ऐसा सुन कर व्यक्ति घबरा जाता है। और स्कैमर को अपनी डिटेल बता देता। जिसका फायदा उठाकर स्कैमर उस व्यक्ति के साथ स्कैम कर देता है। और व्यक्ति का बैंक अकाउंट खाली कर देता है। 

फिशिंग से बचने के तरीके

फिशिंग जैसे फ्रॉड से बचने के लिए मैंने नीचे कुछ सावधानियों दी है आप इन्हें जरूर अपनाएं। 

  • किसी भी ईमेल, SMS या Social Media पोस्ट पर संदिग्ध लिंक या फॉर्म पर क्लिक न करें।
  • किसी भी ईमेल या SMS में शामिल निर्देशों का पालन न करें जो आपको अपने खाते की जानकारी या अन्य पर्सनल इनफार्मेशन साझा करने के लिए कहें।
  • अगर आपको कोई कॉल आता है तो उसे कुछ न बताएं क्योंकि बैंक की किसी भी तरह की समस्या का समाधान सिर्फ बैंक जाकर ही हो सकता है। या कुछ समस्यों का हल बैंक के ऑफिसियल ऐप से भी हो जाता है। 
  • अगर आपके साथ इस तरह का सकाम हो जाता है तो जितना जल्द हो सके अपने बैंक में संपर्क करें और FIR दर्ज करवाएं। 

“As per our estimates, there are around 30 crore people in India who are vulnerable to phishing attacks out of which 5 lakh people potentially get scammed. We have noticed that only 7% who get scammed report about the crime due to various reasons. The anti-phishing platform will detect the scam within a minute it is introduced in India”

Tanla Platforms founder, chairman and chief executive officer D Uday Reddy

Spam (स्पैम)

स्पैम एक प्रकार का बैंकिंग फ्रॉड है। इस तरह के स्कैम में भी स्कैमर ईमेल, SMS या अन्य संदेशों का उपयोग करके लोगों को अपने बैंकिंग जानकारी को साझा करने के लिए लालच देते हैं। इस स्पैम में अक्सर एक ऐसा लिंक या फ़ाइल शामिल करता है जो एक संक्रमित वेबसाइट या फ़ाइल पर ले जाता है। 

जब आप इस लिंक या फ़ाइल को खोलते हैं, तो आपके कंप्यूटर पर मैलवेयर या ट्रोजन डाउनलोड हो जाता है, जो आपके बैंकिंग जानकारी को चुरा सकता है। और अगर आप नेटबैंकिंग या मोबाइल बैंकिंग का इस्तेमाल करते हैं तो आपका अकाउंट खाली कर सकता है।

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स्पैम से बचने के लिए कुछ सुझाव:

  • अपने बैंक या अन्य वित्तीय संस्थानों से केवल आने वाले ईमेल को पहचान कर ही खोलें।
  • ईमेल में किसी भी लिंक या फ़ाइल पर क्लिक करने से पहले उसके ईमेल एड्रेस और  लिंक को ध्यान से पढ़ें।
  • किसी भी संदेश में किसी भी पर्सनल इनफार्मेशन को साझा न करें, जिसमें आपका बैंक खाता नंबर, क्रेडिट कार्ड नंबर या पासवर्ड शामिल हैं। बैंक भी ऐसा करने से मना करते हैं। 
  • अपने कंप्यूटर में एक अच्छा सा एंटीवायरस इस्तेमाल करें और मोबाइल में समय समय पर प्ले स्टोर में जाकर Play Protect को चेक करें ये ऑन होना चाहिए। अगर ये ऑन नहीं है तो इसे ऑन करके स्कैन पर क्लिक करें। 

सोशल इंजीनियरिंग

सोशल इंजीनियरिंग एक प्रकार का बैंकिंग फ्रॉड है जिसमें स्कैमर पहले लोगों से सम्बंधित जानकारी इकट्ठा करते हैं। इसके बाद कई तरीकों को अपनाकर उनकी सेंसिटिव इनफार्मेशन को इकठ्ठा करते हैं। 

ऐसा करने से स्कैमर का एक ही टारगेट होता की किसी भी तरह लोगों को विश्वास में लेकर उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर करना जो वे नहीं करना चाहते। और फिर उनके साथ स्कैम करना। 

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सोशल इंजीनियरिंग फ्रॉड के प्रकार

आईये अब हम कुछ सोशल इंजीनियरिंग फ्रॉड के बारे में जानते हैं।

1. स्‍मिशिंग

स्‍मिशिंग एक प्रकार का फिशिंग है जिसमें स्कैमर मोबाइल फोन पर भेजे गए SMS का उपयोग करते हैं। SMS आमतौर पर एक आपातकालीन या महत्वपूर्ण चेतावनी का दावा करता है, जैसे कि बैंक खाते में अवांछित गतिविधि के बारे में चेतावनी दी होती है। 

एक बार जब शिकार SMS में दिए गए लिंक पर क्लिक करता है, तो उन्हें एक नकली वेबसाइट पर ले जाया जाता है। और स्कैम किया जाता है। 

2. विशिंग

विशिंग एक प्रकार का फिशिंग है जिसमें स्कैमर फोन पर कॉल करते हैं। कॉल आमतौर पर एक बैंक प्रतिनिधि या अन्य आधिकारिक व्यक्ति होने का दावा करता है। कॉलर अपने शिकार को किसी भी तरह से बेवकूफ बनाकर अपने पर्सनल इनफार्मेशन या फाइनेंसियल डाटा को साझा करने के लिए कह सकता है। 

3. स्पीयर फिशिंग

स्पीयर फिशिंग एक प्रकार का फिशिंग है जिसमें स्कैमर किसी खास व्यक्ति या संगठन को टारगेट करता है। स्कैमर शिकार के बारे में जानकारी इक्कठी करने के लिए सोशल मीडिया पर रिसर्च करते हैं, और फिर वे एक ईमेल या SMS बनाते हैं जिससे शिकार को विश्वास में लेने की अधिक संभावना होती है। 

जब शिकार इनके बनाये जल में फँस जाता है। तो वो अपनी सेंसिटिव जानकारी इन स्कैमर को दे बैठता है। और स्कैम का शिकार हो जाता है। 

4. बैटिंग

बैटिंग एक प्रकार का सोशल इंजीनियरिंग है जिसमें स्कैमर अपने शिकार को एक नकली वेबसाइट या ऐप पर जाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। 

एक बार जब शिकार वेबसाइट या ऐप पर चला जाता है, तो उन्हें कोई लालच देकर या अन्य तरीकों से अपने पर्सनल इनफार्मेशन या वित्तीय डेटा को साझा करने के लिए कहा जा सकता है।

5. प्रीटेक्सटिंग

प्रीटेक्सटिंग एक प्रकार का सोशल इंजीनियरिंग है जिसमें स्कैमर अपने शिकार से एक नकली कहानी बनाते हैं। कहानी आमतौर पर शिकार को उनके पर्सनल इनफार्मेशन या वित्तीय डेटा को साझा करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए डिज़ाइन की जाती है। ताकि असानी से शिकार का विश्वास दिलाकर स्कैम किया जा सके। 

6. फ़ार्मिंग

फ़ार्मिंग एक प्रकार का सोशल इंजीनियरिंग है जिसमें स्कैमर एक नकली वेबसाइट बनाते हैं जो एक वास्तविक वेबसाइट के तरह ही दिखती है। 

एक बार जब शिकार वेबसाइट पर जाता है, तो उन्हें आकर्षक ऑफर दिखाकर लालच दिया जाता है और अपने पर्सनल इनफार्मेशन या वित्तीय डेटा को साझा करने के लिए कहा जा सकता है। 

डेबिट कार्ड फ्रॉड क्या है?

डेबिट कार्ड फ्रॉड एक प्रकार का बैंकिंग फ्रॉड है जिसमें किसी व्यक्ति के डेबिट कार्ड की जानकारी का उपयोग करके अनधिकृत लेनदेन किए जाते हैं। यह जानकारी किसी भी तरह से चोरी की जा सकती है, जैसे कि एक स्किमिंग डिवाइस का उपयोग करके, एक सोशल इंजीनियरिंग हमले के माध्यम से, या एक फिशिंग ईमेल के माध्यम से।

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डेबिट कार्ड फ्रॉड के प्रकार

डेबिट कार्ड फ्रॉड के कई प्रकार हैं, जिनमें शामिल हैं:

1. स्किमिंग

यह एक प्रकार का डेबिट कार्ड फ्रॉड है जिसमें एक स्किमिंग डिवाइस का उपयोग करके किसी व्यक्ति के डेबिट कार्ड की जानकारी को चुराया जाता है। स्किमिंग डिवाइस आमतौर पर एटीएम या POS टर्मिनलों पर लगाए जाते हैं। ताकि जैसे ही कोई व्यक्ति अपना कार्ड स्कैन करे उसकी जानकारी चुराकर। अकाउंट से पैसे निकल सके। 

2. सोशल इंजीनियरिंग

यह एक प्रकार का डेबिट कार्ड फ्रॉड है जिसमें एक अपराधी किसी व्यक्ति को अपने डेबिट कार्ड की जानकारी या अन्य वित्तीय जानकारी देने के लिए स्कैम करता है। 

अपराधी आमतौर पर फोन कॉल, ईमेल या व्यक्तिगत संपर्क के माध्यम से काम करते हैं। और लोगों को अपने जाल में फंसा कर आपकी डेबिट कार्ड की डिटेल निकलवा लेते हैं। 

3. फिशिंग

यह एक प्रकार का डेबिट कार्ड फ्रॉड है जिसमें एक अपराधी एक फिशिंग ईमेल या वेबसाइट का उपयोग करके किसी व्यक्ति के डेबिट कार्ड की जानकारी को चुराता है। फिशिंग ईमेल या वेबसाइट आमतौर पर बैंक या अन्य वित्तीय संस्थान से होने का दिखावा करती है।

डेबिट कार्ड फ्रॉड से कैसे बचें?

डेबिट कार्ड फ्रॉड से बचने के लिए, आप निम्नलिखित सावधानियां बरत सकते हैं:

  • अपने डेबिट कार्ड को सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित न करें।
  • अपने डेबिट कार्ड को किसी भी एटीएम या POS टर्मिनल पर न छोड़ें। 
  • अपने डेबिट कार्ड को किसी ऐसे व्यक्ति को न दें जिसे आप नहीं जानते।
  • अपने डेबिट कार्ड की सीवीवी नंबर को किसी के साथ साझा न करें।
  • अपने डेबिट कार्ड की मासिक स्टेटमेंट को सावधानी से देखें।
  • अपने बैंक को तुरंत सूचित करें यदि आप किसी संदिग्ध लेनदेन का पता लगता है जोकि आपने नहीं किया। हो। 

क्रेडिट कार्ड फ्रॉड क्या है?

क्रेडिट कार्ड फ्रॉड एक प्रकार का बैंकिंग फ्रॉड है जिसमें किसी व्यक्ति या आर्गेनाईजेशन के क्रेडिट कार्ड का उपयोग अनधिकृत रूप से किया जाता है। क्रेडिट कार्ड फ्रॉड कई तरीकों से किया जा सकता है, जिनमें शामिल हैं:

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1. कार्ड की चोरी या खो जाना

यह क्रेडिट कार्ड फ्रॉड का सबसे आम रूप है। जब कोई व्यक्ति अपना क्रेडिट कार्ड खो देता है या कोई स्कैमर  चुरा लेता है, तो हैकर या स्कैमर उस क्रेडिट कार्ड का उपयोग अपने फायदे के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन खरीदारी करने के लिए कर सकते हैं।

2. कार्ड की जानकारी की चोरी

हैकर या स्कैमर किसी व्यक्ति की क्रेडिट कार्ड जानकारी को चोरी कर सकते हैं, जैसे कि कार्ड नंबर, एक्सपायरी डेट और CVV कोड। इस जानकारी का उपयोग फिर अनधिकृत खरीदारी करने के लिए किया जा सकता है। या अवैध चीज़ों को खरीदने के लिए आपके क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल किया जा सकता है। 

3. नकली कार्ड का उपयोग

हैकर या स्कैमर नकली क्रेडिट कार्ड बना सकते हैं जो वास्तविक कार्ड की तरह ही दिखते हैं । लेकिन इन नकली कार्डों का उपयोग अनधिकृत खरीदारी करने के लिए किया जा सकता है। ताकि उनकी अवैध खरीददारी भी हो जाए और कोई उन्हें पकड़ भी न पाए। 

4. स्किमिंग

स्कैमर किसी दुकान या रेस्तरां में क्रेडिट कार्ड कार्ड स्किमर का उपयोग करके व्यक्ति के क्रेडिट कार्ड डिटेल को चुराने की कोशिश करते हैं। स्किमर एक छोटा उपकरण होता है जो क्रेडिट कार्ड के डिटेल को चुरा सकता है जब किसी व्यक्ति द्वारा कार्ड को स्वाइप किया जाता है।

5. टेलरिंग

स्कैमर बैंक या क्रेडिट कार्ड कंपनी के कर्मचारी के रूप में खुद को पेश करता है और किसी व्यक्ति से उनके क्रेडिट कार्ड की जानकारी मांगता है। यदि व्यक्ति जानकारी प्रदान करता है, तो स्कैमर इसका उपयोग क्रेडिट कार्ड का दुरुपयोग करने के लिए कर सकता है।

UPI फ्रॉड क्या है?

UPI फ्रॉड एक प्रकार का बैंकिंग फ्रॉड है जो UPI (Unified Payments Interface) का उपयोग करके किया जाता है। UPI एक त्वरित भुगतान प्रणाली है जो उपयोगकर्ताओं को अपने मोबाइल फोन का उपयोग करके एक दूसरे को पैसे भेजने की अनुमति देती है। 

जानें बैंकिंग में फ्रॉड कैसे होता है? 2023 | Frauds in Banking
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UPI फ्रॉड में, स्कैमर किसी उपयोगकर्ता को नकली UPI लिंक या QR कोड भेजकर उनके बैंक खाते से धन निकालने की कोशिश करते हैं।

UPI फ्रॉड के प्रकार

UPI फ्रॉड के कई अलग-अलग प्रकार हैं, जिनमें शामिल हैं:

1. नकली UPI लिंक

स्कैमर किसी उपयोगकर्ता को एक नकली UPI लिंक भेजते हैं जो एक वास्तविक UPI लिंक की तरह दिखता है। इस लिंक को इस तरह से दिखाया जाता है। कि इस पर क्लिक करने के बाद व्यक्ति के खाते में पैसे आ जायेंगे।

जैसे कोई व्यक्ति लालच में आकर लिंक पर क्लिक कर देता और पिन एंटर कर देता है। तो उसके खाते में पैसे आने की बजाए कट जाते हैं। 

2. नकली QR कोड

स्कैमर किसी उपयोगकर्ता को एक नकली QR कोड भेजते हैं जो एक वास्तविक QR कोड की तरह दिखता है। जब उपयोगकर्ता QR कोड को स्कैन करता है, तो उसमें एक पेमेंट की रिक्वेस्ट होती है। स्कैमर द्वारा इस प्रकार विश्वास दिलाया जाता है। कि वो अमाउंट उनके खाते में आएगी। 

लेकिन जैसे व्यक्ति रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट करके अपने UPI पिन को एंटर कर देता है। तो उतने रूपये उसके खाते से कट जाते हैं। 

3. स्प्लैश स्क्रीन

स्कैमर नकली UPI ऐप का उपयोग करते हैं जो वास्तविक UPI ऐप जैसा दिखता है। जब कोई व्यक्ति उस ऐप को खोलता है, तो उसे एक स्प्लैश स्क्रीन दिखाई देती है जो उन्हें अपने बैंक खाते के डिटेल दर्ज करने के लिए कहती है। एक बार जब वे अपने डिटेल दर्ज कर देते हैं, तो स्कैमर उनका उपयोग करके उनके खाते से पैसे निकाल लेते हैं।

4. फर्जी UPI रिक्वेस्ट भेजना 

स्कैमर किसी व्यक्ति को एक फर्जी UPI रिक्वेस्ट भेज सकते हैं, जो कि एक वास्तविक UPI रिक्वेस्ट जैसा दिखता है। जब व्यक्ति इस रिक्वेस्ट को स्वीकार करता है, तो उसके खाते से पैसे निकाल लिए जाते हैं।

UPI फ्रॉड से कैसे बचें?

UPI फ्रॉड से बचने के लिए, आप निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं:

  • OTP को कभी भी किसी को न बताएं। OTP केवल उस व्यक्ति के लिए है जिसने लेनदेन शुरू किया है।
  • अजनबियों से प्राप्त फ़िशिंग ईमेल या SMS पर कभी भी कोई प्रतिक्रिया न दें। उसे डिलीट कर दें। 
  • UPI ID साझा करने से पहले सुनिश्चित करें कि आप जिस व्यक्ति के साथ साझा कर रहे हैं, वह विश्वसनीय है या नहीं।
  • QR कोड को सावधानी से स्कैन करें। यदि QR कोड धुंधला या खराब दिखता है, तो इसे स्कैन न करें।
  • मैसेजिंग ऐप पर किसी को भी पैसे भेजने से पहले उस व्यक्ति के बारे में पूरी तरह से पता करें।
  • सबसे जरुरी बात आपके UPI पिन सिर्फ तब भरना होता है जब आपको कोई पेमेंट करनी है। 
  • अगर आपको कोई रिक्वेस्ट भेजता है और कहता है। कि आपको UPI भरना होगा और आपके अकाउंट में पैसे आजायेंगे तो ऐसे लोगों सावधान रहें। 

AEPS या बैंक खाता फ्रॉड

AEPS का मतलब Adhaar Enabled Payment System होता है। कई दुकानदार अपने पास एक पैमेंट सिस्टम रखते हैं जिसमें वह किसी कस्टमर का आधार कार्ड द्वारा उनके कसी भी खाते से फिंगरप्रिंट लगवाकर पैसे निकाल कर दे देते हैं। 

जानें बैंकिंग में फ्रॉड कैसे होता है? 2023 | Frauds in Banking
जानें बैंकिंग में फ्रॉड कैसे होता है? 2023 | Frauds in Banking

इस सिस्टम का यह फायदा ये है कि अगर आपके घर से बैंक दूर है तो आप ऐसे दुकानदार से आधार द्वारा फिंगर लगाकर अपने अकाउंट से पैसे निकलवा सकते हैं। ये लोग आपसे एक या डॉन परसेंट लेते हैं। जो उससे काम ही होता है जो आप ऑटो वाले को या बस वाले को देते हैं। 

कुछ दुकानदार बढ़ाकर अमाउंट दर्ज करते हैं और उसमें से अपना कमीशन काट लेते हैं। लेकिन वो ऐसा आपको बता कर करते हैं और आपके परमिशन लेकर ही करते हैं। 

कभी कभी ऐसा हो जाता है कि  सर्वर डाउन होने के चलते दो बार आपके अकाउंट से पैसे कट जाएँ। लेकिन ऐसी स्थिति में। वो लोग आपको बता देते हैं। और अगर यह सर्वर की वजह से हुआ है तो 7 दिन के अंदर अंदर वो अमाउंट आपके खाते में आ जाती है। 

लेकिन कुछ गिने चुने लोग ऐसे भी हैं जो फ्रॉड करते हैं। वो लोग अपने पेमेंट ऐप में आपके द्वारा बताई गयी अमाउंट को बढ़ा कर दर्ज कर देते हैं फिर जैसे ही आप फिंगर लगाते हैं आपको उतनी पेमेंट दे देते हैं जितना आप निकलवाना चाहते हैं। और बाकी का अपने पास रख लेते हैं। 

इस फ्रॉड से कैसे बचें 

  • अगर आप किसी नए एरिया में हैं तो आप आस पास के अलग अलग लोगों से पूछ सकते हैं। 
  • आप अपने बैंक की टाइनी शाखा से पैसे निकलवा सकते हैं। 
  • आप उसे दिखाने के लिए कह सकते हैं कि उसने कितनी अमाउंट दर्ज की है। अगर वो दिखाने से मना कर दे। तो वहां से पैसे न निकलवायें। 
  • आपका मोबाइल नंबर अपने खाते से लिंक होना चाहिए ताकि जैसे ही आप पैसे निकलवायें तो मैसेज आपके पास आ जाये। 

ये फ्रॉड हो जाए तो क्या करें?

  •  सबसे पहले बैंक जाएँ और उनसे अपने अकाउंट की स्टेटमेंट निकलवायें। स्टेटमेंट में अमाउंट, डेट, टाइम और एक ट्रांसक्शन नंबर या रिफरेन्स नंबर होता है। जिसकी सहायता से आप आगे कार्यवाही कर सकते हैं। 
  • आप उस दूकानदर के पास जाएँ और स्टेटमेंट में कटे हुए अतिरिक्त पैसों के बारे में बात करें। अगर वह दुकानदार सही होगा तो चेक करके आपको वो अमाउंट वापिस कर देगा। 
  • अगर दुकानदार स्टेटमेंट देखने के बाद भी आनाकानी करने लगे तो FIR दर्ज करवाएं और प्रूफ के तौर पर उस ट्रांसक्शन का नंबर या रिफरेन्स आईडी दें। इस आईडी से ट्रांसक्शन को ट्रैक किया जा  सकता हैं। और पता लगाया जा सकता है क्या वो ट्रांसक्शन गलती से हुआ है या जानबूझकर किया गया है।  

बैंकिंग फ्रॉड से बचने के तरीके

  • अपने बैंकिंग डिटेल को गुप्त रखें। अपना बैंक खाता नंबर, पासवर्ड और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी किसी के साथ साझा न करें, भले ही वह एक विश्वसनीय व्यक्ति क्यों न हो।
  • केवल आधिकारिक बैंक वेबसाइटों और ऐप्स का उपयोग करें। किसी भी लिंक पर क्लिक करने या किसी भी फ़ाइल को डाउनलोड करने से पहले सुनिश्चित करें कि वह किसी विश्वसनीय स्रोत से है।
  • अपने बैंक खाते की गतिविधियों की निगरानी रखें। नियमित रूप से अपने खाते की गतिविधियों की जांच करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट करें।
  • अपने डिवाइस को सुरक्षित रखें। अपने डिवाइस पर एक मजबूत एंटीवायरस प्रोग्राम इंस्टॉल करें और नियमित रूप से सॉफ़्टवेयर अपडेट करें।
  • सावधान रहें कि आप क्या और कहाँ क्लिक करते हैं। ईमेल, SMS और Social Media पर आने वाले संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें।
  • अपने बैंक खाते को मजबूत पासवर्ड से सुरक्षित रखें। अपने पासवर्ड को जटिल बनाएं और इसे नियमित रूप से बदलें।
  • दो-कारक प्रमाणीकरण का उपयोग करें। दो-कारक प्रमाणीकरण एक अतिरिक्त सुरक्षा स्तर जोड़ता है जो आपके खाते को अधिक सुरक्षित बनाता है।
  • अपनी बैंकिंग गतिविधियों के बारे में किसी को न बताएं। अपने बैंक खाते से जुड़ी कोई भी जानकारी किसी को न बताएं, भले ही वह एक विश्वसनीय व्यक्ति क्यों न हो।
  • अपने बैंक से नियमित रूप से संपर्क करें। अपने बैंक से संपर्क करें और उन्हें बताएं कि आप बैंकिंग फ्रॉड के बारे में जागरूक हैं।
  • सार्वजनिक वाई-फाई का उपयोग करते समय सावधान रहें। सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क अक्सर सुरक्षित नहीं होते हैं, जिसका अर्थ है कि आपके डिवाइस को हैक किया जा सकता है।
  • बैंकिंग फ्रॉड की रिपोर्ट करें। यदि आप बैंकिंग फ्रॉड का शिकार होते हैं, तो तुरंत अपने बैंक और संबंधित अधिकारियों को रिपोर्ट करें।

बैंकिंग फ्रॉड एक गंभीर समस्या है जो हर साल लाखों लोगों को प्रभावित करती है। बैंकिंग फ्रॉड तब होता है जब कोई व्यक्ति या संगठन आपकी बैंकिंग जानकारी को स्कैमधड़ी से प्राप्त करता है और इसका उपयोग आपके पैसे को चोरी करने या आपके खाते से धन निकालने के लिए करता है।

बैंकिंग फ्रैंड की रिपोर्ट कैसे करें?

बैंकिंग फ्रॉड की रिपोर्ट करना महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे आपके पैसे की सुरक्षा में मदद मिल सकती है और आपके बैंक को आपके साथ होने वाले फ्रॉड से निपटने में भी मदद मिल सकती है।

बैंकिंग फ्रॉड की रिपोर्ट करने के तरीके:

  • अगर आपके बैंक के किसी एम्प्लोयी का नंबर आपके पास है तो उसे कॉल करें। यह बैंकिंग फ्रॉड की रिपोर्ट करने का सबसे तेज़ और सबसे आसान तरीका है। अपने बैंक के ग्राहक सेवा नंबर पर कॉल करें और उन्हें बताएं कि आपन फ्रॉड का शिकार हो गए हैं।
  • अपने बैंक की वेबसाइट पर ऑनलाइन रिपोर्ट करें। कई बैंकों की वेबसाइट पर बैंकिंग फ्रॉड की रिपोर्ट करने के लिए एक ऑनलाइन फॉर्म मौजूद होता है।
  • अपने बैंक को ईमेल करें। यदि आपके पास कोई ईमेल पता है जिस पर आप अपने बैंक से संपर्क कर सकते हैं, तो आप बैंकिंग फ्रॉड की रिपोर्ट करने के लिए एक ईमेल भी भेज सकते हैं।
  • आप अपने बैंक में जाकर उन्हें सूचित करें। और जरुरत पड़ने पर FIR दर्ज करवाएं। 

बैंकिंग फ्रॉड की रिपोर्ट करते समय आपको क्या जानकारी प्रदान करनी होगी:

  • अपने बैंक का नाम और पता।
  • अपना नाम, पता और संपर्क जानकारी।
  • फ्रॉड के बारे में डिटेल, जिसमें शामिल है:
  • फ्रॉड कब और कैसे हुआ।
  • फ्रॉड से कितना पैसा खो गया।
  • फ्रॉड के लिए इस्तेमाल की गई जानकारी।
  • आपके पास कोई अन्य जानकारी जो फ्रॉड की जांच में मदद कर सकती है।

बैंकिंग फ्रॉड की रिपोर्ट करने के बाद क्या करें?

अपने बैंक खाते को बंद कर दें। यदि आपका खाता हैक हो गया है, तो इसे बंद करना महत्वपूर्ण है ताकि आपके पैसे का उपयोग आगे न किया जा सके। अपने बैंक स्टेटमेंट की जांच करें।

फ्रॉड के बाद, यह सुनिश्चित करना जरुरी है कि आपके बैंक अकाउंट में कोई संदिग्ध गतिविधि न हो। अपनी बैंकिंग जानकारी को सुरक्षित रखें। अपने पासवर्ड और पिन को बदल दें और इन्हें किसी के साथ साझा न करें।



FAQs

भारत का सबसे बड़ा फ्रॉड कौन सा है?

हवाला घोटाला – $18 मिलियन
कोलगेट घोटाला – रु. 1.86 लाख करोड़
2 जी स्पेक्ट्रम घोटाला – रु. 1,76,000 करोड़
कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाला – रु. 70,000 करोड़
सत्यम घोटाला – रु. 14,000 करोड़
नीरव मोदी पीएनबी बैंक धोखाधड़ी – रु. 11,400 करोड़
हर्षद मेहता घोटाला – 10,000 करोड़ रुपये
विजय माल्या- रु. 9000 करोड़
अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर घोटाला – रु. 3600 करोड़
बोफोर्स घोटाला – रु. 64 करोड़

फ्रॉड से बचने का तरीका सबसे आसान तरीका क्या है?

कभी भी अपनी पर्सनल डिटेल जैसे ATM नंबर, PIN और CVV, फ़ोन पर किसी को भी मत बताएं चाहे कोई बैंक कर्मचारी होने का दावा ही क्यों न कर रहा हो। क्योंकि कोई भी बैंक कर्मचारी आपकी डिटेल नहीं मांगता। अगर कोई आपकी पर्सनल डिटेल मांगे तो उसे ब्लॉक कर दें।

फ्रॉड की शिकायत कहाँ करें?

अगर आपके साथ बैंक फ्रॉड हो जाता है तो आपको नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर या फिर हेल्पलाइन नंबर- 1930 पर फ़ोन करके आपके साथ हुए साइबर क्राइम या बैंक फ्रॉड की शिकायत कर सकते हैं।

निष्कर्ष

दोस्तों आपको मुर्ख बनाकर आपके अकाउंट की डिटेल निकलवाने के कई तरीके हैं जिनका इस्तेमाल करके स्कैमर स्कैम करते हैं। और आपके बैंक अकाउंट को खाली कर देते हैं। ये चाहे जितने भी तरीके अपनाएं। लेकिन आपको सतर्क रहना है। 

कोई भी व्यक्ति आपको फ़ोन करके आपसे OTP मांगे या कॉल पर ही किसी जानकारी को अपडेट करने की बात करे तो उसे कुछ न बताएं। अगर उस व्यक्ति को आप जानते हों तो ही OTP को उसके साथ साझा करें। किसी भी तरह के ईमेल, sms या कॉल पर भी आपको KYC अपडेट करवाने के लिए कहे।

या आपको अकाउंट बंद होने की चेतावनी दें तो ऐसी स्थिति में आप अपनी बैंक की पासबुक के पीछे दिए Customer Care के नंबर पर फ़ोन करें और उनसे इस बारे में बात करें। या सबसे अच्छा है कि आप बैंक जाकर इसकी पुषिट करें। क्योंकि पैसों को कमाने और जमा करने में सालों लग जाते हैं। लेकिन जाने में देर नहीं लगती। 

तो दोस्तों मुझे उम्मीद है आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा होगा। अगर आपका प्रशन है तो आप मुझे कमेंट करके पूछ सकते हैं। 

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